Saturday 24 December 2022

जीवन में प्रार्थना का महत्व

2️⃣5️⃣❗1️⃣2️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣2️⃣

*प्रेरणादय प्रसंग*


*जंगल में शेर शेरनी शिकार के लिये दूर तक गये अपने बच्चों को अकेला छोडकर।*


*जब देर तक नही लौटे तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे।*


*उसी समय एक बकरी आई उसे दया आई और उन बच्चों को दूध पिलाया फिर बच्चे मस्ती करने लगे।*


*तभी शेर शेरनी आये. बकरी को देख लाल पीले होकर शेर हमला करता।*


*उससे पहले बच्चों ने कहा इसने हमें दूध पिलाकर बड़ा उपकार किया है नही तो हम मर जाते।*


*अब शेर खुश हुआ और कृतज्ञता के भाव से बोला हम तुम्हारा उपकार कभी नही भूलेंगे, जाओ आजादी के साथ जंगल मे घूमो फिरो मौज करो।*


*अब बकरी जंगल में निर्भयता के साथ रहने लगी यहाँ तक कि शेर के पीठ पर बैठकर भी कभी कभी पेडो के पत्ते खाती थी।*


*यह दृश्य चील ने देखा तो हैरानी से बकरी को पूछा तब उसे पता चला कि उपकार का कितना महत्व है।*


*चील ने यह सोचकर कि एक प्रयोग मैं भी करती हूँ।*

*चूहों के छोटे छोटे बच्चे दलदल मे फंसे थे निकलने का प्रयास करते पर कोशिश बेकार।*


*चील ने उनको पकड पकड कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।*


*बच्चे भीगे थे सर्दी से कांप रहे थे तब चील ने अपने पंखों में छुपाया, बच्चों को बेहद राहत मिली।*


*काफी समय बाद चील उडकर जाने लगी तो हैरान हो उठी चूहों के बच्चों ने उसके पंख कुतर डाले थे।*


*चील ने यह घटना बकरी को सुनाई तुमने भी उपकार किया और मैंने भी फिर यह फल अलग क्यों?*


*बकरी हंसी फिर गंभीरता से कहा....*

*उपकार करो, तो शेरों पर करो चूहों पर नही।*


*क्योंकि कायर कभी उपकार को याद नही रखते और बहादुर कभी उपकार नही भूलते...!!!*


*(बहुत ही गहरी बात है, समझो तो ठीक)*


*🙏नोट : कुछ चूहों पर प्रयोग मैंने भी किया था,अब सीख गया हूं..!!*🙏

   *🙏🏿🙏🏾🙏🏻जय जय श्री राधे*🙏🙏🏼🙏🏽

*एक वृद्ध महिला एक सब्जी की दुकान पर जाती है,उसके पास सब्जी खरीदने के पैसे नहीं होते है।*


*वो दुकानदार से प्रार्थना करती है कि उसे सब्जी उधार दे दे पर दुकानदार मना कर देता है।*


*उसके बार-बार आग्रह करने पर दुकानदार खीज कर कहता है, तुम्हारे पास कुछ ऐसा है , जिसकी कोई कीमत हो , तो उसे इस तराजू पर रख दो, मैं उसके वज़न के बराबर सब्जी तुम्हे दे दूंगा।*


*वृद्ध महिला कुछ देर सोच में पड़ जाती है।*

*क्योंकि उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं था।*


*कुछ देर सोचने के बाद वह, एक मुड़ा-तुड़ा कागज़ का टुकड़ा निकलती है और उस पर कुछ लिख कर तराजू पर रख देती है।*


*दुकानदार ये देख कर हंसने लगता है।*

*फिर भी वह थोड़ी सब्जी उठाकर तराजू पर रखता है।*

*आश्चर्य...!!!*

*कागज़ वाला पलड़ा नीचे रहता है और सब्जी वाला ऊपर उठ जाता है।*


*इस तरह वो और सब्जी रखता जाता है पर कागज़ वाला पलड़ा नीचे नहीं होता।*


*तंग आकर दुकानदार उस कागज़ को उठा कर पढता है और हैरान रह जाता है *


*🌹🌹 कागज़ पर लिखा था...''हे श्री कृष्ण, तुम सर्वज्ञ हो, अब सब कुछ तुम्हारे हाथ में है''..


*दुकानदार को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था।*


*वो उतनी सब्जी वृद्ध महिला को दे देता है।*


*पास खड़ा एक अन्य ग्राहक दुकानदार को समझाता है, कि दोस्त, आश्चर्य मत करो।*


*केवल श्री कृष्ण ही जानते हैं की प्रार्थना का क्या मोल होता है।*


*वास्तव में प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है।*

*चाहे वो एक घंटे की हो या एक मिनट की।*

*यदि सच्चे मन से की जाये, तो ईश्वर अवश्य सहायता करते हैं..!!* 


*अक्सर लोगों के पास ये बहाना होता है, की हमारे पास वक्त नहीं।*


*मगर सच तो ये है कि ईश्वर को याद करने का कोई समय नहीं होता...!!* 


*🌹🌹प्रार्थना के द्वारा मन के विकार दूर होते हैं, और एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।*


*🌹🌹जीवन की कठिनाइयों का सामना करने का बल मिलता है।*


*🌹🌹ज़रूरी नहीं की कुछ मांगने के लिए ही प्रार्थना की जाये।*


*🌹🌹जो आपके पास है उसका धन्यवाद करना चाहिए।*


*🌹🌹इससे आपके अन्दर का अहम् नष्ट होगा और एक कहीं अधिक समर्थ व्यक्तित्व का निर्माण होगा।*


*🌹🌹प्रार्थना करते समय मन को ईर्ष्या,द्वेष,क्रोध घृणा जैसे विकारों से मुक्त रखें..!!*

   *🙏🙏🏻🙏🏾जय जय श्री राधे*🙏🏿🙏🏽🙏🏼

Saturday 19 November 2022

जीवन का बोझ


*जीवन का बोझ*

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एक बार एक संत ने अपने दो भक्तों को बुलाया और कहा आप को यहाँ से पचास कोस जाना है। एक भक्त को एक बोरी खाने के समान से भर कर दी और कहा जो लायक मिले उसे देते जाना। और एक को ख़ाली बोरी दी उससे कहा रास्ते मे जो उसे अच्छा मिले उसे बोरी मे भर कर ले जाए।


दोनो निकल पड़े जिसके कंधे पर समान था वो धीरे चल पा रहा था। ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से जा रहा था। थोड़ी दूर उसको एक सोने की ईंट मिली उसने उसे बोरी मे डाल लिया। थोड़ी दूर चला फिर ईंट मिली उसे भी उठा लिया। जैसे जैसे चलता गया उसे सोना मिलता गया और वो बोरी मे भरता हुआ चल रहा था।

और बोरी का वज़न। बड़ता गया उसका चलना मुश्किल होता गया और साँस भी चढ़ने लग गई। एक एक क़दम मुश्किल होता गया।


दूसरा भक्त जैसे जैसे चलता गया रास्ते मै जो भी मिलता उसको बोरी मे से खाने का कुछ समान देता गया धीरे धीरे बोरी का वज़न कम होता गया। और उसका चलना आसान होता गया। जो बाँटता गया उसका मंज़िल तक पहुँचना आसान होता गया। जो ईकठा करता रहा वो रास्ते मे ही दम तोड़ गया।


दिल से सोचना हमने जीवन मे क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया हम मंज़िल तक कैसे पहुँच पाएँगे।


जिन्दगी का कडवा सच...


आप को 60 साल की उम्र के बाद

     कोई यह नहीं पूछेंगा कि आप का

     बैंक बैलेन्स कितना है या आप के

     पास कितनी गाड़ियाँ हैं....?


दो ही प्रश्न पूछे जाएंगे ...


     1-आप का स्वास्थ्य कैसा है.....?

         और

     2-आप के बच्चे क्या करते हैं....?

   *🙏🏻🙏🏾🙏🏼जय जय श्री राधे*🙏🙏🏽🙏🏿

Saturday 29 October 2022

लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय

🌷 धन-सम्पत्ति के लिए क्या करें 🌷

🙏🏻 घर के अंदर, लक्ष्मी जी बैठी हों ऐसा फोटो रखना चाहिए और दुकान के अंदर, लक्ष्मी जी खड़ी हों ऐसा फोटो रखना चाहिए।

🙏🏻 ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने से तथा पूजा के स्थान पर गंगाजल रखने से घर में लक्ष्मी की वृद्धि होती है।

🙏🏻 नौकरी-धंधे के लिए जाते हों और सफलता नहीं मिल पाती हो तो इक्कीस बार 'श्रीमद् भगवद् गीता' का अंतिम श्लोक बोलकर फिर घर से निकलें तो सफलता मिलेगी। श्लोकः

🌷 यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।

तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।

🙏🏻 पीपल के पेड़ में शनिवार और मंगलवार को दूध, पानी और गुड़ मिलाकर चढ़ायें और प्रार्थना करें कि 'भगवान! आपने गीता में कहा है 'वृक्षों मे पीपल मैं हूँ।' तो हमने आपके चरणों में अर्घ्य अर्पण किया है, इसे स्वीकार करें और मेरी नौकरी धंधे की जो समस्या है वह दूर हो जाय।'

🙏🏻 श्रीहरि.... श्रीहरि... श्रीहरि – ऐसा थोड़ी देर जप करें। तीन बार जपने से एक मंत्र हुआ। उत्तराभिमुख होकर इस मंत्र की 1-2 माला शांतिपूर्वक करें और चलते-फिरते भी इसका जप करें तो विशेष लाभ होगा और रोजी रोटी के साथ ही शांति, भक्ति और आनंद भी बढ़ेगा। बस, अपने-आप समस्या हल हो जायेगी।

🙏🏻 लक्ष्मी चाहने वाला मनुष्य भोजन और दूध को बिना ढके न रखे।

🌷 वास्तु शास्त्र 🌷

🏡 ऐसी चीजें न रखें पर्स में

देखने में आता है कि कुछ लोग पर्स में बहुत सी ऐसी चीजें रख लेते हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं होता और लंबे समय तक पर्स में रखे रहने से उनमें नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए जो भी कागजात या अन्य कोई चीज जो गैरजरूरी हो, उसे तुरंत अपने पर्स से निकाल दें।

🏡 पर्स में कभी भी कोई अश्लील चित्र या अन्य अश्लील सामग्री भी नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पर्स की बरकत खत्म हो जाती है और जीवन में नकारात्मकता बढ़ने लगती है।

🌷 हृष्ट - पुष्ट शरीर🌷

🍚 जौ को पानी में भिगोकर, कूट के, छिलकारहित कर उसे दूध में खीर की भांति पकाकर सेवन करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट और मोटापा कम होता है

Monday 17 October 2022

स्वास्थ्य टिप्स

 बिना दवाई 

 बिना पैसे के स्वास्थ्य के कुछ लाजवाब नुस्खे

 रात्रि को देर से भोजन करते है न वो भी बीमार होते हैं। और भूख से जो ज्यादा खाते है तो  कच्चा रस बनता है,  कधों में पकड़ रहती है l कमर और कंधों में दर्द शुरू होना हुआ समझो बीमारी का रस तुम्हारा जमा होना शुरू हो रहा है।

Sunday 19 June 2022

तुतलापन मिटाने के लिए

शंख दो प्रकार के होते हैं – दक्षिणावर्त एवं वामावर्त। दक्षिणावर्त शंख पुण्य योग से मिलता है। यह जिसके यहाँ होता है उसके यहाँ लक्ष्मी जी निवास करती हैं। यह त्रिदोषशामक, शुद्ध एवं नवनिधियों में से एक निधि है तथा ग्रह एवं गरीबी की पीड़ा, क्षय, विष, कृशता एवं नेत्ररोग का नाश करता है। जो शंख सफेद चन्द्रकान्तमणि जैसा होता है वह उत्तम माना जाता है। अशुद्ध शंख गुणकारी नहीं होते, उन्हें शुद्ध करके ही दवा के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।*

*भारत के महान वैज्ञानिक श्री जगदीशचन्द्र बसु ने सिद्ध करके बताया है कि शंख को बजाने पर जहाँ तक उसकी ध्वनि पहुँचती वहाँ तक रोग उत्पन्न करने वाले कई प्रकार के हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इसीलिए अनादिकाल से प्रातःकाल एवं संध्या के समय मंदिरों में शंख बजाने का रिवाज चला आ रहा है।*

*⚡औषधि-प्रयोगः*

*मात्राः अधोलिखित प्रत्येक रोग में 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म ले सकते हैं।*

*गूँगापनः गूँगे व्यक्ति के द्वारा प्रतिदिन 2-3 घंटे तक शंख बजवायें। एक बड़े शंख में 24 घंटे तक रखा हुआ पानी उसे प्रतिदिन पिलायें, छोटे शंखों की माला बनाकर उसके गले में पहनायें तथा 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म सुबह शाम शहद  साथ चटायें। इससे गूँगापन में आराम होता है।*

*तुतलापनः 1 से 2 ग्राम आँवले के चूर्ण में 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म मिलाकर सुबह शाम गाय के घी के साथ देने से तुतलेपन में लाभ होता है।*

*तेजपात (तमालपत्र) को जीभ के नीचे रखने से रूक रूककर बोलने अर्थात् तुतलेपन में लाभ होता है।*

*सोते समय दाल के दाने के बराबर फिटकरी का टुकड़ा मुँह में रखकर सोयें। ऐसा नित्य करने से तुतलापन ठीक हो जाता है।*

*दालचीनी चबाने व चूसने से भी तुतलापन में लाभ होता है।*

*दो बार बादाम प्रतिदिन रात को भिगोकर सुबह छील लो। उसमें 2 काली मिर्च, 1 इलायची मिलाकर, पीसकर 10 ग्राम मक्खन में मिलाकर लें। यह उपाय कुछ माह तक निरंतर करने से काफी लाभ होता है।*

 *तुतलापन मिटाने के लिए* 🌷

👉🏻 *२-३ बादाम के गिरी मिक्सी में अच्छी तरह घोट के और मक्खन व मिश्री मिलाकर बराबर चबा चबा कर खाएं l १ हफ्ते में तोतलेपन में आराम होता है l*

🙏🏻 *सुरेशानंदजी -

*तुतलाना दूर करने के लिए कुछ ओर आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे*


1.अच्युताय हरिओम आँवला चूर्ण 1 से 2 ग्राम चूर्ण को गाय के घी के साथ मिला कर चाटने से थोड़े ही दिनों में तुतलापन दूर हो जाता है ।


2. बारीक भुनी हुई फिटकिरी मुख  में रखकर सो जाया करें ।एक मास के निरंतर सेवन से तुतलापन दूर हो जाएगा


3.एक कटोरी में जल ले उसे निहारते हुए *ॐ सरस्वत्यै नमः* का 108 बार जप करे उस जल को सेवन करने से तुतलापन दूर होता है ।


4. 3  से 6 ग्राम घी में रोजाना मिश्री मिलाकर सुबह शाम चाटकर खायें और ऊपर से गाय का दूध पियें लगातार कुछ महीनों तक इसका सेवन करे से तुतलाना बंद हो जाता है।


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*🌹शिशु रोग🌹💫तुतलापनः💫*


*पहला प्रयोगः सूखे आँवले के 1 से 2 ग्राम चूर्ण को गाय के घी के साथ मिलाकर चाटने से थोड़े ही दिनों में तुतलापन दूर हो जाता है।*

*दूसरा प्रयोगः दो रत्ती शंखभस्म दिन में दो बार शहद के साथ चटायें तथा छोटा शंख गले में बाँधें एवं रात्रि को एक बड़े शंख में पानी भरकर सुबह वही पानी पिलायें।*

*तीसरा प्रयोगः बारीक भुनी हुई फिटकरी मुख में रखकर सो जाया करें। एक मास के निरन्तर सेवन से तुतलापन दूर हो जायेगा।*


*साथ में यह प्रयोग करवायें-* *अन्तःकुंभक करवाकर, होंठ बंद करके, सिर हिलाते हुए 'ॐ...' का गुंजन कंठ में ही करवाने से तुतलेपन में लाभ होता है।*


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Tuesday 17 May 2022

सुख की खौज

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*सुख की खौज....*



एक व्यक्ति अपने गुरु के पास गया और बोला, गुरुदेव, दुख से छूटने का कोई उपाय बताइए... 


       गुरु ने कहा, बहूत आसान है, उस के लिए एक काम करो, जो आदमी सबसे सुखी है, उसके पहने हुए जूते लेकर आओ, फिर मैं तुझे दुख से छूटने का उपाय बता दूंगा... 


       शिष्य चला गया, एक आलिशान घर में जाकर पूछा, भाई, तुम तो बहुत सुखी लगते हो, अपने जूते सिर्फ आज के लिए मुझे दे दो, तब उसने कहा, कमाल करते हो भाई ! मेरा पड़ोसी इतना बदमाश है कि क्या कहूं ? ऐसी स्थिति में मैं सुखी कैसे रह सकता हूं ? मैं तो बहुत दुखी इंसान हूं... 


       वह दूसरे घर गया, दूसरा बोला, अब क्या कहूं भाई ? सुख की तो बात ही मत करो, मैं तो पत्नी की वजह से बहुत परेशान हूं, ऐसी जिंदगी बिताने से तो अच्छा है कि कहीं जाकर साधु बन जाऊं, सुखी आदमी देखना चाहते हो तो किसी और घर जाओ... 


       वह तीसरे घर गया, चौथे के  घर गया, किसी की पत्नी के पास गया तो वह पति को क्रूर बताती, पति के पास गया तो वह पत्नी को दोषी कहता, पिता के पास गया तो वह पुत्र को बदमाश बताता, पुत्र के पास गया तो पिता की वजह से खुद को दुखी बताता, सैकड़ों-हजारों घरों के चक्कर लगा आया, सुखी आदमी के जूते मिलना तो दूर खुद के ही जूते घिस गए... 


       शाम को वह गुरु के पास आया और बोला, मैं तो घूमते-घूमते परेशान हो गया, न तो कोई सुखी मिला और न सुखी आदमी के जूते... 

       

गुरु ने पूछा, लोग क्यों दुखी हैं ?

उन्हें किस बात का दुख है ?


       उसने कहा, किसी का पड़ोसी खराब है, कोई पत्नी से परेशान, कोई पति से दुखी तो कोई पुत्र से परेशान है, आज हर आदमी दूसरे आदमी के कारण दुख भोग रहा है... 


      तब गुरु ने बताया, सुख का सूत्र है दूसरे की ओर नहीं, बल्कि अपनी ओर देखना, खुद की काबिलियत पर गौर करो, प्रतिस्पर्द्धा करनी है तो खुद से करो, दूसरों से नहीं... 


      यह जीवन हमारी यात्रा है, दूसरों को देखकर अपना रास्ता मत बदलो, खुद को सुनो, खुद को देखो, यही सुखी होने का एक मात्र रास्ता है... 



*जय श्री राधेकृष्ण....*










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Thursday 6 January 2022

ज्योतिष टिप

 


🌷 *सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए* 🌷

🐄 *तुलसी की अथवा गाय की ९ बार प्रदक्षिणा करने से व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है ..ऐसे ही ओंकार जप से सकारात्मक ऊर्जा के साथ भगवत प्रीति भी बढ़ती है तुलसी और गौ का आभा मंडल ३ मीटर की दूरी तक फैला होता है वैज्ञानिक लेमों मूर्ति ने कहा है कि गौ, तुलसी, पीपल, सफ़ेद आंकड़ा, गोबर ये घनात्मक ऊर्जा देते हैं*


           🌞 *~  हिन्दू पंचांग  ~* 🌞


🌷 *नारी सौभाग्य मंत्र* 🌷

🏡 *किसी के घर में ज्यादा उपद्रव होता हो, ज्यादा अशांति होती हो और बहने बेचारी तंग आ गयी हों, तो एक नारी सौभाग्य कर्ण मंत्र आता है। बीज मंत्र हैं उसमें, ८ अक्षर हैं उसमें। ८ अक्षर में से ४ बार तो ॐ ही आता है।  ४ अक्षर दूसरे हैं तो कितना सरल हो गया ।*

🌷  *ॐ ॐ ह्रीं ॐ क्रिम ह्रीं ॐ स्वाहा ।*

👌🏻 *और इसकी १० माला जपनी होती है सूर्य उगने से पहले । और सुहागन स्त्री को । पुरुष को नही जपना है ।*

कैलेंडर विज्ञान ज्योतिष

 


🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷

📅 *वास्तु में पुराने कैलेंडर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। ये प्रगति के अवसरों को कम करता है। इसलिए, पुराने कैलेंडर को हटा देना चाहिए और नए साल में नया कैलेंडर लगाना चाहिए। जिससे नए साल में पुराने साल से भी औज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहे।*

*अगर सालभर अच्छे योग और फायदे चाहते हैं तो घर में कैलेंडर को वास्तु के अनुसार ही लगाएं।*

👉🏻 *वास्तु अनुरुप कहां लगाएं कैलेंडर*

📅  *कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। हिंसक जानवरों, दुःखी चेहरों की तस्वीरोंवाला ना हो। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती है।*

📅 *पूर्व में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसर- पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं , जो लीडरशिप के देवता हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। लाल या गुलाबी रंग के कागज पर उगते सूरज, भगवान आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर हो।*

📅 *उत्तर दिशा में कैलेंडर बढ़ाता है सुख-समृद्धि- उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली,फव्वारा, नदी,समुद्र, झरने, विवाह आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व सफेद रंग का उपयोग अधिक किया हो।*

📅 *पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते हैं रुके हुए कई कार्य- पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए।*

📅  *कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए घर की दक्षिण दिशा में- घड़ी और कैलेंडर दोनों ही समय के सूचक हैं। दक्षिण ठहराव की दिशा है। यहां समय सूचक वस्तुओं को ना रखें। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।*

📅  *मुख्य दरवाजे से नजर आता कैलेंडर भी नहीं लगाएं- मुख्य दरवाजे के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते हैं । जो कि अच्छा नहीं माना जाता है।*

💥 *विशेष : अगर कैलेंडर में संतों महापुरुषों तथा भगवान के श्रीचित्र लगे हों,तो ये और अधिक पुण्यदायी और आनंददायी माना जाता है |*


           

Tuesday 4 January 2022

शिव के द्वादश ज्योर्तिलिंग की कथा और महत्व

 https://youtu.be/Y_N_Hxp4Cew




🌷 *शिव के द्वादश बारह ज्योतिर्लिंग की कथा और महत्त्व*

🙏  *१२  ज्योतिर्लिंगों का महत्व व महिमा*

🙏 *भगवान शिव की भक्ति का महिना सावन शुरू हो चुका है। शिवमहापुराण के अनुसार एकमात्र भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं, जो निष्फल व सफल दोनों हैं। यही कारण है कि एकमात्र शिव का पूजन लिंग व मूर्ति दोनों रूपों में किया जाता है। भारत में १२ प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं। इन सभी का अपना महत्व व महिमा है।*

🙏 *ऐसी मान्यता भी है कि सावन के महिने में यदि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए जाएं तो जन्म-जन्म के कष्ट दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि सावन के महिने में भारत के प्रमुख १२ ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। आज हम आपको बता रहे हैं इन १२ ज्योतिर्लिंगों का महत्व व महिमा-:*

🙏 *१] सोमनाथ : सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है, कि जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चन्द्र देव ने की थी। विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बिगड़ता और बनता रहा है।*

🙏 *२] मल्लिकार्जुन : यह ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है। अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं।*

🙏 *कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जहां पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस पर्वत पर आकर शिव का पूजन करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होते हैं।*

🙏 *३] महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग : यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर की पूजा विशेष रूप से आयु वृद्धि और आयु पर आए हुए संकट को टालने के लिए की जाती है। उज्जैनवासी मानते हैं कि भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा हैं और वे ही उज्जैन की रक्षा कर रहे हैं।*

🙏 *४] ओंकारेश्वर : ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ॐ का आकार बनता है। ॐ शब्द की उत्पति ब्रह्मा के मुख से हुई है। इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ॐ के साथ ही किया जाता है। यह ज्योतिर्लिंग ॐकार अर्थात ॐ का आकार लिए हुए है, इस कारण इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है।*

🙏 *५] केदारनाथ : केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के १२ प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है। यह उत्तराखंड में स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से ३५८४ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। जिस प्रकार कैलाश का महत्व है उसी प्रकार का महत्व शिव जी ने केदार क्षेत्र को भी दिया है।*

🙏 *६] भीमाशंकर : भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा से इस मंदिर का दर्शन प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।*

🙏 *७] काशी विश्वनाथ: विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है। इसलिए सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व कहा गया है। इस स्थान की मान्यता है कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा। इसकी रक्षा के लिए भगवान शिव इस स्थान को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को उसके स्थान पर पुन: रख देंगे।*

🙏 *८] त्र्यंबकेश्वर : यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के सबसे अधिक निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। भगवान शिव का एक नाम त्र्यंबकेश्वर भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा।*

🙏 *९] वैद्यनाथ : श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवां स्थान बताया गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर स्थित है, उसे वैद्यनाथ धाम कहा जाता है। यह स्थान झारखंड राज्य (पूर्व में बिहार ) के देवघर जिला में पड़ता है।*

🙏 *१०] नागेश्वर ज्योतिर्लिंग : यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता है और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। भगवान शिव का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है। द्वारका पुरी से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी १७ मील की है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शन के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।*

🙏 *११] रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग : यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरं नामक स्थान में स्थित है। भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक भी है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में यह मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है।*

🙏 *१२] घृष्णेश्वर मन्दिर : घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं। भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप स्थित हैं। यहीं पर श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है।

🙏  श्री सुरेशानंदजी महाराज